Wednesday, May 15, 2024

बेनीबाद की समस्याओं पर एक रिपोर्ट

बेनीबाद की समस्याओं पर एक रिपोर्ट

परिचय:

बेनीबाद गाँव एक ऐसा स्थान है जहाँ बुनियादी सुविधाओं की कमी से लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यहाँ ना तो कोई हॉस्पिटल है, ना लड़कियों के पढ़ने के लिए कोई हाई स्कूल है, ना ही कोई कॉलेज है। बैंकिंग सुविधाएँ भी अत्यंत खराब स्थिति में हैं। इन समस्याओं पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है ताकि ग्रामीणों की जीवनशैली में सुधार हो सके।

 स्वास्थ्य सेवाओं की कमी:

बेनीबाद में किसी भी प्रकार का हॉस्पिटल या स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। इस कारण, गाँव के लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कई किलोमीटर दूर स्थित शहर जाना पड़ता है। यह स्थिति विशेषकर गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, और बच्चों के लिए बहुत मुश्किल भरी है। समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण कई बार गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

शैक्षिक सुविधाओं का अभाव:

गाँव में लड़कियों के पढ़ने के लिए कोई हाई स्कूल नहीं है, जिसके कारण उन्हें प्रारंभिक शिक्षा के बाद अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। उच्च शिक्षा की सुविधाओं का भी यहाँ अभाव है, क्योंकि गाँव में एक भी कॉलेज नहीं है। इस वजह से विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए शहर जाना पड़ता है, जो सभी के लिए संभव नहीं है। इससे गाँव की युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।

बैंकिंग सुविधाओं की समस्या:

बेनीबाद में बैंकिंग सुविधाएँ भी अत्यंत खराब हैं। यहाँ ना तो स्टेट बैंक है और ना ही सेंट्रल बैंक की कोई शाखा। ग्रामीणों को बैंकिंग कार्यों के लिए दूर के शहर जाना पड़ता है, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है। डिजिटल बैंकिंग के इस युग में भी गाँव के लोग बुनियादी बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हैं।

निष्कर्ष:

इन सभी समस्याओं को देखते हुए, की बेनीबाद के निवासियों को वोट देने से पहले अच्छी तरह से सोचना चाहिए। उन्हें यह देखना होगा कि कौन-सा उम्मीदवार उनकी समस्याओं को समझता है और उनके समाधान के लिए वचनबद्ध है। सही प्रतिनिधि का चयन करके ही गाँव की समस्याओं का समाधान संभव है।

सुझाव:

1. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: गाँव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जानी चाहिए।

2. शैक्षिक सुविधाओं का विस्तार: लड़कियों के लिए हाई स्कूल और एक कॉलेज की स्थापना की जानी चाहिए।

3. बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार: गाँव में स्टेट बैंक और सेंट्रल बैंक की शाखाएं खोली जानी चाहिए।

4. स्थानीय नेतृत्व को प्रोत्साहित करना: लोगों को अपने प्रतिनिधियों को चुनते समय उनके कार्यों और वादों को ध्यान में रखना चाहिए।

ग्रामीणों का दायित्व है कि वे अपने भविष्य के लिए सही निर्णय लें और ऐसे प्रतिनिधियों को चुनें जो उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सकें। 

Friday, December 8, 2023

A Sorrowful Farewell: Remembering the Life of Master Hameed Hussain of Benibadi

Date: December 7, 2023

It is with deep sadness that we share the news of the passing of Master Hameed Hussain Shab, a respected member of the Benibad community. Inna lillahi wa inna ilayhi raji'un (Surely, we belong to Allah, and to Him, we shall return).

Master Hameed Hussain was not just a name; he was a pillar of strength, a mentor, and a cherished member of the Benibadi family. His contributions to the community and his commitment to education have left an indelible mark on the hearts of those who had the privilege of knowing him.

As we come to terms with this profound loss, let us join together in offering our heartfelt prayers for the departed soul. May Allah, the Most Merciful, grant Master Hameed Hussain Shab forgiveness and a place in Jannat-ul-Firdaus, the highest abode in paradise.

As we remember and honor the life of Master Hameed Hussain, let his legacy be a source of inspiration for us all. In his memory, let us strive to emulate his kindness, wisdom, and dedication to community welfare. May the departed soul rest in eternal peace, and the family find solace in their shared memories. Ameen, thumma ameen.


Sunday, June 4, 2023

مولاناعبدالحسیب عارف قاسمی صاحب

 مولاناعبدالحسیب عارف قاسمی صاحب کا سانحَۂ اِرْتِحال

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میرے دیار بینی آباد، مظفر پور، بہار کے ایک انتہائی مخلص و مستند عالم اور احقر کے بچپن کے رفیقوں میں سے ایک مولانا عبدالحسیب عارف قاسمی صاحب،  شیخ الحدیث مدرسہ سراج العلوم، حشمت پیٹھ حیدرآباد کا آج حیدرآباد میں ہی ایک ایکسیڈنٹ میں انتقال ہوگیا ہے۔ انا للّٰہ وانا الیہ راجعون ۔ موت تو بر حق ہے لیکن بعض موتیں انسان کو ہلا کر رکھ دیتی ہیں بالخصوص ایک مخلص عالم کی موت جو لوگوں کے دلوں سے بہت قریب رہا ہو۔ ان کے انتقال کی خبر سن کر آج میرا پورا گاؤں بلکہ علاقہ سوگوار ہے۔ 

مولانا عبدالحسیب بینی آباد کے ان دو جید عالموں میں سے ایک تھے جنہوں نے احقر کے عقل و شعور میں سب سے پہلے دارالعلوم، دیوبند کا رخ کیا تھا اور وہاں سے فراغت حاصل کی تھی؛ ان میں پہلے مولانا عبد الرزاق صاحب قاسمی مرحوم تھے جنہوں نے بینی آباد میں مدرسہ قاسمیہ قائم کیا تھا اور جن کا انتقال بھی ایک حادثہ ہی کے اثرات کے باعث 21 جون 2008 کو ہوگیا تھا۔ دوسرے مولانا عبدالحسیب تھے جو دارالعلوم سے فراغت کے بعد حیدرآباد میں ہی قیام پذیر ہوگئے تھے اور ایک عرصے سے درس و تدریس کے فرائض انجام دے رہے تھے۔ حال میں انہیں بینی آباد میں قائم مدرسہ قاسمیہ کے صدر کے عہدے پر بھی فائز کردیا گیا تھا لیکن زندگی نے وفا نہیں کیا اور عجیب اتفاق یہ ہےکہ وہ بھی ایک حادثہ کا ہی شکار ہوگئے۔ 

پوری طرح عصری علوم سے وابستہ ہونے کے  باوجود احقر ان دونوں عالموں سے بہت قریب رہا اور ان کی محبتیں حاصل رہیں۔ مولانا عبد الحسیب صاحب جب دارالعلوم ، دیوبند میں طالب علم تھے ، اسی زمانے میں احقر کو پہلی بار وہاں حاضری کا شرف بھی حاصل ہوا ۔ یہ غالباً 1990 کی بات ہے ۔ ان کے ساتھ ترمذی کے درس میں بیٹھنے کی بھی سعادت حاصل ہوئی ۔

مولانا عبدالحسیب کی ابتدائی تعلیم و تربیت ان کے والد مرحوم حافظ و قاری عبد القیوم صاحبؒ نے کی تھی جو خود ایک بہت مخلص انسان تھے اور جنہوں نے اپنی پوری زندگی بحیثیت امام گاؤں والوں کی خدمت کی۔ چنانچہ مولانا عبدالحسیب کو بھی اخلاص و للہیت ورثہ میں ملی۔ وہ انتہائی مخلص اور بے ضرر انسان تھے ۔ ریا، تصنع ، شہرت اور عہدے کی ہوس وغیرہ سے دور ایک لگن کے ساتھ درس و تدریس میں لگے  ہوئے تھے ۔

افسوس یہ ہے کہ ایک عرصے سے ان سے ملاقات نہیں ہوئی تھی ۔ پچھلی بار جب وہ کچھ گھریلو ذمے داریوں کو لے کر بینی آباد آئے تو فون پر گفتگو کی اور ملنے کا انتہائی اشتیاق ظاہر کیا لیکن پٹنہ میں اپنی ذمے داریوں اور حالات کے پیش نظر نہ میں بینی آباد جاسکا اور نہ ہی وہ پٹنہ آسکے۔ بہر حال یہ ہم سب کے لیے ایک بڑا سانحہ ہے ۔ اللّٰہ تعالیٰ سے دعا ہے کہ ان کی مغفرت فرمائے اور جنت الفردوس میں انہیں جگہ نصیب کرے ۔ آمین ! نیز لواحقین کو صبر جمیل سے نوازے ۔ آمین ! احباب سے بھی ان کے لئے دعائے مغفرت کی درخواست ہے۔ 

خاکسار و شریک غم

ڈاکٹر محمد واسع ظفر